पूर्व जन्म में बर्बरीक थे,’सूर्यवर्चा’ यक्षों के राजा.
आये हरि भू-भार हरण,धर्म युद्ध का बजाके बाजा
मुक्त किया ब्रह्म श्राप से,लिया शीश वलिदान………..
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान …
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
प्रकट हुई देवी चंडिका ,कथा करी बयान ……….
कर अभिषेक अमृत सिंचन ,दिया शीश को मान
देख शीश धर्म युद्ध का,भंग किया अभिमान……..
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ..
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री
श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
विजय धवजा लहराई,आये पुष्प विमान….
बजी दुंदुभी देवों की,जय-जय कर गुण-गान
कर नमन सभी शीश को,हो गए अंतरध्यान
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान …
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय- जय जय श्री श्याम
बोलो
जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय- जय जय श्री श्याम
धन्य हुई खाटू नगरी,धन्य ढूंढा का देश……
प्रकट शीश बैठे निज मंदिर,सूना रहे आदेश
हारे को देते सहारा,पूजे सकल जहान………
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान
…
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
पांडव कुल का लाल लाडला,भीम पौत्र बलकारी
है घटोत्कच-मोर्वीनंदन,दानी लखदातारी………
‘टीकम’ की साँसों की माला,करे
श्याम गुण-गान
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान …
श्री कृष्ण ने बर्बरीक को, देकर के बरदान ………..
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम